Pataudi assembly seat-पटौदी विधानसभा सीट पर बाहरी और स्थानीय उम्मीदवार का मामला होने लगा गरम

By :  Newshand
Update: 2024-08-21 14:23 GMT

पटौदी विधानसभा सीट

जीतने वाला उम्मीदवार ही पॉलीटिकल पार्टी की प्राथमिकता होती

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के समर्थकों में होने लगी चर्चा

विधानसभा चुनाव में उठता रहा है बाहरी और स्थानीय का मुद्दा

फतह सिंह उजाला

पटौदी। इलेक्शन लोकसभा का हो, इलेक्शन विधानसभा का हो, इलेक्शन नगर निगम का हो, इलेक्शन जिला परिषद का हो, इलेक्शन पंचायत समिति का हो या फिर इलेक्शन नगर पालिका का ही क्यों ना हो । ऐसे इलेक्शन में सिंबल पर चुनाव लड़ाये जाने के दौरान पॉलिटिकल पार्टियों की केवल और केवल प्राथमिकता होती है , जीतने वाले उम्मीदवार को ही टिकट दी जाए। इलेक्शन के दौरान अक्सर ऐसा होता भी आया है , जीत की संभावना वाले उम्मीदवार को यदि किसी दूसरे विधानसभा क्षेत्र में लोगों के बीच भेजा जाए तो पैराशूट उम्मीदवार के नाम से भी बोला जाता है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य मुकाबला सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच होना निश्चित माना जा रहा है। अपनी अपनी पार्टी की सरकार बनने की प्रबल संभावनाओं को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में टिकट के दावेदारों में भी टिकट की दावेदारी को लेकर अलग ही कंपटीशन बना हुआ है। इसी कंपटीशन के बीच में ही टिकट की घोषणा होने से पहले भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के द्वारा जनसंपर्क अभियान आरंभ किया जा चुके हैं । इस प्रकार के जनसंपर्क आरंभ किए जाने से पहले टिकट के दावेदारों के द्वारा जब अपने व्यक्तिगत चुनाव कार्यालय खोले गए , उस समय स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा भी अपने-अपने समर्थकों के बीच में उछालते हुए हवा दे दी गई । पटौदी विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार के द्वारा चुनाव लड़ना या फिर पार्टी के द्वारा टिकट दिया जाना भी एक अलग ही चुनावी चर्चा बनता आ रहा है।

कांग्रेस पार्टी की टिकट के लिए 42 उम्मीदवारों के द्वारा अपनी दावेदारी की गई है। इन 42 उम्मीदवारों में से 8 महिला उम्मीदवार भी शामिल है । भारतीय जनता पार्टी की तरफ देखा जाए तो अभी तक एक दर्जन से अधिक भाजपा टिकट के दावेदार के चेहरे और नाम सामने आए हैं । इनमें भी आधा दर्जन महिलाएं भाजपा टिकट की दावेदारी के साथ चुनावी मैदान में हैं । जहां तक टिकट फाइनल होने से पहले चुनाव प्रचार की बात है, तो इस मामले में स्थानीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी और इसके नेता कहीं ना कहीं कांग्रेस के मुकाबले में ढीले ही दिखाई दे रहे हैं । कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने के दावेदार गांव गांव में अपना संपर्क अभियान चलाते हुए पार्टी के संकल्प पत्र को भी पहुंचाने का काम कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में ही अभी संभावित उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया जा रहा है । फिर भी अपनी अपनी टिकट पक्की मानकर भाजपा के नेता भी अपने ही अंदाज में सक्रिय कहे जा सकते हैं । आम लोगों की जिज्ञासा के मुताबिक अब यही देखना है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के द्वारा सभी प्रकार के मापदंडों को पूरा करने वाले किस उम्मीदवार को टिकट देकर चुनावी मैदान में भेजा जाता है।

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