हरियाणा चुनाव तारीख बदलने पर फैसला नहीं:आयोग का बीजेपी को झटका

By :  Newshand
Update: 2024-08-29 00:37 GMT


चंडीगढ़,28 अगस्त (न्यूज हैंड ब्यूरो ):

हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख में बदलाव पर अंतिम फैसला आना बाकी है। इस पर फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग राज्य की अन्य पार्टियों से भी राय लेने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही वह अन्य राजनीतिक दलों से भी इस मुद्दे पर चर्चा करेगा।भाजपा ने मतदान डेट से पहले और बाद में छुट्टियों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग के समक्ष बदलाव की मांग रखी। भाजपा का तर्क था कि लंबी छुट्टियों के कारण लोग घूमने जा सकते हैं। ऐसे में मतदान प्रतिशत कम हो सकता है। इनेलो ने भी इसका समर्थन किया।आयोग सभी दलों की सहमति होने पर ही कार्यक्रम में बदलाव पर आगे बढ़ेगा। सूत्रों की मानें तो आयोग भी इन दलों से सहमत है, लेकिन वह इस मुद्दे पर राज्य के अन्य दलों की राय भी जानना चाहता है। अगर सभी दल इस पर सहमत होते हैं, तो बदलाव किया जा सकता है। जहां तक कम मतदान का सवाल है, तो इसका असर सभी दलों पर पड़ेगा।

भाजपा, इनेलो और बिश्नोई महासभा की तारीख बदलने की मांग1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली25 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर भेजा था। जिसमें उन्होंने लिखा कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है।बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश,दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है।

2. आईएनएलडी के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटालाइनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की बीजेपी की मांग का समर्थन किया। उन्होंने लेटर में लिखा कि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है।इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए।

3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभाअखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनाव की तारीख बदलने के लिए लेटर लिखा। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए।राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी।

चुनाव की तारीख बदलने के विरोध में कांग्रेस-जेजेपी1. हरियाणा कांग्रेस बोली- बीजेपी को हार का डरहरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री से लेकर भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष तक, हार से कोई अछूता नहीं है। इनके मुख्यमंत्री अपने बूथ और विधानसभा में हार गए। इनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ चुनाव हार गए थे। सुभाष बराला तक चुनाव हार गए थे। इसलिए भाजपा छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहती है, जबकि सच यह है कि हरियाणा की जनता ने भाजपा की छुट्टी करने का फैसला कर लिया है।

2. दुष्यंत चौटाला ने कहा- भाजपा का जनाधार गिराहरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंची। भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही। उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि मतदान की तारीख घोषित करने के बाद बीजेपी के इस पत्र पर आयोग विचार करेगा।

बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असरबिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं। इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट हैं। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

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