हरियाणा में जा सकती है लाखों जाने भूकंप बन सकता है "टाइम बम"

By :  Newshand
Update: 2025-06-29 23:25 GMT


चंडीगढ़ /29 जून /न्यूज हैंड ब्यूरो

 हरियाणा को भी भूकंप(EARTHQUAKE IN HARYANA EXPLAINER) के लिए तैयार रहने की जरूरत है क्योंकि यहां भी कई जिले संवेदनशील माने जाने वाले ज़ोन-4 की कैटेगरी में आते हैं. जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है जिसमें प्लेट मूवमेंट्स के बाद कंपन पैदा होता है. इसी से भूकंप के झटके महसूस होते हैं.

भूकंप कैसे आता है ? : आपको बता दें कि धरती की सतह टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है. ये प्लेट्स जब आपस में एक-दूसरे से टकराती है तो धरती के नीचे से ऊर्जा निकल कर बाहर आने का रास्ता ढूंढती है और इसके चलते धरती हिलती है और लोगों को भूकंप के झटके महसूस होते हैं. अगर भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6 से ज्यादा होगी तो भूकंप से भारी तबाही हो सकती है.

 हरियाणा में अगर भूकंप (EARTHQUAKE)की हिस्ट्री की बात करें तो हरियाणा में पिछले कुछ समय से लगातार धरती डोल रही है और भूकंप के झटके आ रहे हैं. महेंद्रगढ़ में 28 जून 2025 को 2.8 तीव्रता वाला भूकंप आया. वहीं 17 फरवरी 2025 की सुबह दिल्ली में भूकंप आया था. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई थी. इसके झटके हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, जींद, रेवाड़ी, पलवल, सोनीपत और पानीपत तक भूकंप महसूस किए गए थे. वहीं 5 जनवरी की सुबह हरियाणा में भूकंप में झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र सोनीपत जिला था. तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 थी.

सोनीपत में 26 दिसंबर 2024 को भूकंप के झटके महसूस किए गए. सुबह 9 बजकर 42 मिनट पर भूकंप आया जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.6 रही. वहीं 25 दिसंबर को सोनीपत में ही दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर भूकंप आया था. सोनीपत में खरखौदा के पास कुंडल गांव में 5 किलोमीटर गहराई में इसका केंद्र था. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 थी. वहीं इसका असर रोहतक, पानीपत, झज्जर और गुरुग्राम तक महसूस किया गया था. 24 घंटे में दो बार भूकंप के झटकों से हालांकि सोनीपत में कोई नुकसान नहीं हुआ.




 


12 नवंबर 2024 को रोहतक में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3 थी.

11 सितंबर 2024 को चंडीगढ़ में भूकंप के हल्के झटके लोगों ने महसूस किए थे. भूकंप का केंद्र तब पाकिस्तान था.

25 जुलाई 2024 को फरीदाबाद में एक घंटे में 2 बार भूकंप के झटके आए. रिक्टर स्केल पर दोनों बार भूकंप की तीव्रता 2.4 थी.

15 जून 2024 को झज्जर में भूकंप के झटके आए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 आंकी गई थी.

11 जनवरी 2024 को अफगानिस्तान में आए भूकंप से दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

26 नवंबर 2023 को सुबह 4 बजे सोनीपत में धरती डोली थी. उस वक्त रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.0 मापी गई थी.

4 नवंबर 2023 को नेपाल में आए भूकंप के झटके हरियाणा के लोगों ने भी महसूस किए थे. तब गुरुग्राम समेत हरियाणा में कई जगहों पर धरती कांपी थी.

3 अक्टूबर 2023 को एक ही दिन में दो बार भूकंप आया था. सोनीपत, जींद, रोहतक, पानीपत, रेवाड़ी, नूंह और चंडीगढ़ में झटके महसूस किए गए थे. सोनीपत में 2.7 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था.

1 सितंबर 2023 को झज्जर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तब भूकंप की तीव्रता 3.3 आंकी गई थी.

24 जून 2023 को हरियाणा समेत उत्तर भारत में 3.2 की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तब भूकंप का केंद्र हरियाणा का रोहतक जिला रहा था.

28 मई 2023 को भी अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके हरियाणा में भी महसूस किए गए थे.

हरियाणा में कहां- कहां भूकंप का खतरा ? : हरियाणा में अगर भूकंप के खतरे की बात करें तो प्रदेश के 12 जिले संवेदनशील जिलों की सूची में आते हैं. जोन- 4 में आने वाले जिले संवेदनशील माने जाते हैं, जबकि जोन-3 कम प्रभावित क्षेत्र और जोन-2 को बेहद कम भूकंप की संभावना वाला क्षेत्र माना जाता है.

जोन-4 में आने वाले जिले :

रोहतक

महेंद्रगढ़

पंचकूला

करनाल

अंबाला

सोनीपत

पानीपत

झज्जर

गुरुग्राम (गुड़गांव)

फरीदाबाद

नूंह (मेवात)

पलवल

जोन-3 में आने वाले जिले :

कुरुक्षेत्र

कैथल

जींद

भिवानी

हिसार

जोन 2 वाले जिले :

सिरसा

फतेहाबाद (कुछ क्षेत्र)

भारत में कब-कब आया शक्तिशाली भूकंप ? :

पिछले कुछ सालों में अगर शक्तिशाली भूकंप की बात करें तो साल 2015 में भारत के पड़ोसी देश नेपाल में आए 7.8 मैग्नीट्यूड के शक्तिशाली भूकंप से 8500 से ज्यादा लोग मारे गए थे और झटकों से आई तबाही के चलते बिलियन डॉलर्स का नुकसान हुआ था. इसका असर उत्तर भारत के कई राज्यों पर पड़ा था. साथ ही जानमाल का नुकसान भी झेलना पड़ा था. इससे पहले साल 2005 में कश्मीर में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 1300 से ज्यादा लोग मारे गए थे. साथ ही उरी, बारामूला, और कुपवाड़ा में भारी नुकसान हुआ था. वहीं 2001 में गुजरात के भुज में आए 7.7 तीव्रता वाले ताकतवर भूकंप के चलते 13,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे और सैकड़ों घर तबाह हो गए थे. एक अनुमान के मुताबिक 4 लाख घरों पर इसका असर पड़ा था और करीब 20 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था.

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