डिजिटल अरेस्ट के नाम पर वसूली करने वाले गिरोह की गुजराती महिला गिरफ्तार
डिजिटल अरेस्ट के नाम पर वसूली करने वाले गिरोह की गुजराती महिला गिरफ्तार
आरोपी की पहचान खुशबू निवासी जिला सूरत, गुजरात के रूप में की गई
आरोपित महिला कम्बोडिया में साईबर ठगी के लिए कॉल सेन्टर में करती थी काम
कम्बोडिया से भारत आते ही पुलिस ने आरोपित को नई दिल्ली एयरपोर्ट से दबोचा
कब्जा से ठगी को अंजाम देने में प्रयोग किए गए 02 मोबाईल फोन बरामद
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम 29 जून । 4 दिसंबर 2024 को एक महिला ने पुलिस थाना साईबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत के माध्यम से बतलाया कि इसके बेटे के पास एक फोन कॉल आया कि आपके आधार कार्ड का प्रयोग हवाला के काम में प्रयोग हुआ है। इसने मना कर दिया तो उन्होंने (फर्जी पुलिस अधिकारी) एफआईआर दर्ज कराने का डर दिखाया। फिर उन्होंने एक सीबीआई अफसर से वीडियो कॉल करके इसको डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही और इसके नाम हवाला के केश मे शामिल होने का डर दिखाते हुए इससे रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर पुलिस थाना साईबर अपराध पूर्व , गुरुग्राम में सबन्धित धाराओं के तहत अभियोग अंकित किया गया।
प्रियांशु दीवान , सहायक पुलिस सहायक साईबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए निरीक्षक अमित शर्मा, प्रबंधक थाना साईबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने उपरोक्त अभियोग की वारदात में संलिप्त 01 आरोपी महिला को संडे को दिल्ली से काबू करके अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया। आरोपी महिला की पहचान खुशबू (उम्र 24 वर्ष, शिक्षा 12वीं पास) निवासी ककरीमोरा फलियु, महुवरिया, जिला सूरत, गुजरात के रूप में हुई।
आरोपित महिला से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त अभियोग में ठगी गई राशि में से 39 लाख रुपए (आरोपी सुरेंद्र) बैंक खाते में ट्रांसफर हुए थे। आरोपी सुरेंद्र ने अपना बैंक खाता आरोपी मितेश को 05 लाख रुपए में बेचा था। आरोपी मितेश ने बताया कि उसने यह बैंक खाता अपने भाई भार्गव जो दुबई में रहता है के कहने पर उपरोक्त आरोपी महिला खुशबू को बेचा था।उपरोक्त आरोपित महिला महिला खुशबू जो कम्बोडिया देश में रहती और डिजिटल अरेस्ट करके साईबर फ्रॉड करने वाले कॉल सेंटर में काम करती है। वहां साइबर फ्रॉड का काम 03 चरणों में किया जाता है प्रथम चरण में लोगों को साईबर फ्रॉड जैसे मोबाइल नंबर अपडेट, आधार कार्ड का प्रयोग गलत कामों में किया गया का भय दिखाया जाता है और मुकदमा दर्ज करने के बारे में बोला जाता है, फिर द्वितीय चरण में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर उनको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है और तृतीय चरण में कस्टम अथवा इनकम टैक्स अधिकारी बनकर उनसे बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर कराए जाते है। आरोपी खुशबू डिजिटल अरेस्ट के लिए किए जाने वाली साईबर ठगी के प्रथम चरण वाली टीम में काम करती है।
आरोपित महिला से पुलिस पूछताछ व पुलिस अनुसन्धान में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त महिला अपनी एक दोस्त के पति के माध्यम से नवम्बर-2023 में दुबई नौकरी करने के लिए गई थी, जहां (दुबई) से यह अगस्त-2024 में कम्बोडिया चली गई और अगस्त-2024 से यह कम्बोडियो की राजधानी Phnom Penh में स्थित Mango Park नाम के एक कॉल सैन्टर में डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी करने वाली प्रथम चरण की टीम के साथ साईबर ठगी करने में संलिप्त थी। इस कार्य के लिए आरोपित खुशबू को 700 अमेरिकन डॉलर बतौर सैलरी मिलते थे।
उपरोक्त आरोपित महिला से पुलिस पूछताछ व अभियोग के अनुसन्धान के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपित महिला जिस कॉल सेन्टर (Mango Park, Phnom Penh, Cambodia) में कार्य करती थी, उसे चाईना मूल के लोग संचालित करते है और उस कॉल सेन्टर में भारत सहित विभिन्न देशों के युवक/युवतियां साईबर ठगी के कार्य करते है। इसी प्रकार के Phnom Penh व Cambodia के अन्य स्थानों पर विभिन्न कॉल सेंटर चलाएं जा रहे है, जो साईबर ठगी करने का काम करते है। आरोपित महिला द्वारा साईबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने में प्रयोग किए गए 02 मोबाईल फोन आरोपित के कब्जा से बरामद किए गए है।
पुलिस टीम द्वारा उपरोक्त अभियोग में उपरोक्त आरोपित महिला सहित कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आगामी कार्यवाही के लिए आरोपित महिला को माननीय न्यायालय में पेश किया जाएगा।