अमेरिकी राजनीति का नया मोड़
एलन मस्क बनाम ट्रंप: आदर्शों की लड़ाई या निजी युद्ध?
तीसरी ताकत या तात्कालिक तूफान: अमेरिकी राजनीति का नया मोड़
अमेरिका की राजनीति(new twist in American politics) में एक नया सूरज उग रहा है, जिसकी चमक ने वाशिंगटन के गलियारों को हिलाकर रख दिया है। एलन मस्क(Elon Musk), वह शख्स जिसने अंतरिक्ष को छुआ और धरती को इलेक्ट्रिक सपनों से सजाया, अब एक नए युद्धक्षेत्र में कदम रख चुके हैं। उनकी ‘अमेरिकन पार्टी’ (American Party)न केवल एक राजनीतिक दल का ऐलान है, बल्कि यह एक क्रांति का शंखनाद है, जो अमेरिकी जनता की खोई हुई आजादी को वापस लाने का वादा करता है। यह वह आग है जो डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को चुनौती दे रही है, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के एकछत्र राज को झकझोर रही है, और अमेरिकी लोकतंत्र को एक नया रास्ता दिखाने का दम रखती है। मस्क का यह कदम न तो सनक है, न ही तमाशा—यह एक ऐसी चिंगारी है, जो अमेरिका के सियासी जंगल में आग लगा सकती है।
मस्क का गुस्सा ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ से शुरू हुआ, जिसे ट्रंप ने अपनी नीतियों का ताज बताया। इस 940 पन्नों के महालेख में ट्रंप के पहले कार्यकाल की कर कटौती को स्थायी करने, सैन्य और सीमा सुरक्षा पर खर्च बढ़ाने, और सामाजिक कल्याण योजनाओं में कटौती जैसे प्रावधान हैं। ट्रंप इसे अमेरिका की महानता की वापसी कहते हैं, लेकिन मस्क इसे देश को कर्ज के गड्ढे में धकेलने वाला ‘पागलपन’ मानते हैं। उनका मानना है कि यह बिल न केवल सरकारी खजाने को खोखला करेगा, बल्कि नवाचार और उभरते उद्योगों—जैसे इलेक्ट्रिक वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा—को भी चोट पहुंचाएगा। मस्क की टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियां इस बिल के प्रभाव से अछूती नहीं रहेंगी, और यही वह आर्थिक और वैचारिक जंग है, जिसने मस्क को सियासत के मैदान में उतार दिया।
मस्क का दावा है कि अमेरिका में सच्चा लोकतंत्र खतरे में है। डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों (Democrat and Republican parties)का एकछत्र राज अब एक ‘पॉर्की पिग सिस्टम’ बन चुका है, जहां बर्बादी, भ्रष्टाचार और अनावश्यक खर्च की नीतियां जनता की आवाज को दबा रही हैं। उनकी ‘अमेरिकन पार्टी’ इस बंद गली से निकलने का रास्ता है। यह पार्टी केवल चुनावी गणित का हिस्सा बनने नहीं आई, बल्कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदार राजकोषीय नीतियों और कम सरकारी हस्तक्षेप का झंडा बुलंद करना चाहती है। मस्क ने साफ कहा है कि वे उन नेताओं का विरोध करेंगे, जो देश को कर्ज के बोझ तले दबाने की नीतियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने प्रतिनिधि थॉमस मैसी जैसे नेताओं का समर्थन किया, जिन्होंने इस बिल का डटकर विरोध किया, और उन सांसदों को प्राइमरी चुनाव में हराने की बात कही, जिन्होंने इसे पास करवाया।
मस्क और ट्रंप का रिश्ता कभी दोस्ती का प्रतीक था। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ने ट्रंप के लिए करीब 288 मिलियन डॉलर का चंदा दिया और उन्हें ‘अमेरिका का सच्चा नेता’ बताया। ट्रंप ने भी मस्क को ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ का नेतृत्व सौंपकर उनका सम्मान किया। लेकिन यह बिल दोनों के बीच की खाई को चौड़ा कर गया। मस्क ने ट्रंप की नीतियों को ‘देश के लिए आत्मघाती’ करार दिया, जबकि ट्रंप ने मस्क की कंपनियों को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी खत्म करने और उन्हें दक्षिण अफ्रीका वापस भेजने की धमकी दी। यह तनातनी अब वैचारिक मतभेदों से आगे बढ़कर निजी हमलों तक पहुंच चुकी है, जिसमें मस्क ने ट्रंप पर एपस्टीन फाइल्स जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठाकर पलटवार किया है।
‘अमेरिकन पार्टी’ का ऐलान भले ही जोश और जुनून से भरा हो, लेकिन इसका रास्ता कांटों से भरा है। अमेरिकी इतिहास में तीसरी पार्टी कभी सत्ता के शिखर तक नहीं पहुंची। रॉस पेरोट ने 1992 में 19% वोट हासिल किए, लेकिन इलेक्टोरल कॉलेज में उनकी पार्टी को एक भी वोट नहीं मिला। मस्क का दक्षिण अफ्रीकी मूल उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य बनाता है, और उनकी पार्टी की नीतियां, संगठन और नेतृत्व अभी तक धुंध में हैं। विदेश नीति, सामाजिक न्याय और स्वास्थ्य जैसे जटिल मुद्दों पर मस्क की स्थिति स्पष्ट नहीं है। फिर भी, उनकी आर्थिक ताकत, तकनीकी नवाचार और युवाओं के बीच लोकप्रियता उन्हें एक अनोखा खिलाड़ी बनाती है। उनके मंच एक्स पर लाखों समर्थक उनकी हर बात को गंभीरता से लेते हैं, और उनकी वित्तीय शक्ति 2026 के मध्यावधि चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
मस्क की पार्टी का प्रभाव कितना गहरा होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे कितनी जल्दी एक स्पष्ट रणनीति और संगठन तैयार कर पाते हैं। अगर यह केवल ट्रंप के खिलाफ उनकी नाराजगी का परिणाम साबित हुई, तो यह एक अल्पकालिक हलचल बनकर रह सकती है। लेकिन अगर मस्क अपनी दृष्टि को एक ठोस वैचारिक ढांचे में ढाल पाए, तो ‘अमेरिकन पार्टी’ अमेरिकी सियासत में तीसरे विकल्प की कमी को पूरा कर सकती है। खासकर वे युवा मतदाता, जो मौजूदा व्यवस्था से असंतुष्ट हैं, मस्क में एक नया नेतृत्व देख सकते हैं। दूसरी ओर, यह भी संभव है कि उनकी पार्टी ट्रंप के वोट बैंक को बांटकर डेमोक्रेट्स को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचाए।
मस्क का यह कदम केवल एक पार्टी का गठन नहीं है; यह एक विचार है, जो अमेरिकी जनता को यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि क्या वाकई उनका लोकतंत्र सच्चा है। उनकी ‘अमेरिकन पार्टी’ उस सपने का प्रतीक है, जिसमें सरकार जनता की सेवा करती है, न कि जनता सरकार की गुलाम बनती है। यह वह ललकार है, जो वाशिंगटन के सत्ता प्रतिष्ठानों को चुनौती दे रही है। क्या मस्क इस आग को बुझने देंगे, या इसे एक ऐसी ज्वाला में बदल देंगे, जो अमेरिका की सियासत को हमेशा के लिए बदल दे? यह सवाल आज हर अमेरिकी के दिल में गूंज रहा है। मस्क ने शायद एक नई क्रांति की नींव रख दी है, जिसका असर आने वाले दशकों तक देखा जाएगा। यह वह क्षण है, जब एक व्यक्ति ने इतिहास को पलटने का साहस दिखाया है, और दुनिया सांस थामे देख रही है कि यह साहस कितनी दूर तक जाएगा।
प्रो. आरके जैन “अरिजीत