छात्र ने उम्मीद से कम नंबर आने पर 15वीं मंजिल से कूद किया सुसाइड
सॉरी मम्मी-पापा ज्यादा मोबाइल देखा था- सुसाइड नोट में लिखा
छात्र ने उम्मीद से कम नंबर आने पर 15वीं मंजिल से कूद किया सुसाइड
यह घटना गुरुग्राम के सेक्टर 72 में हाई राइज बिल्डिंग सोसायटी की
17 वर्षीय छात्र के द्वारा 15वीं मंजिल से कूद कर किया गया सुसाइड
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । प्रतियोगी दौर में और उच्च शिक्षा के एडमिशन के लिए अच्छे नंबर या फिर श्रेष्ठ रैंक का दबाव छात्र वर्ग पर बना ही रहता है । विशेष रूप से बोर्ड परीक्षाओं के दौरान शिक्षण संस्थान संचालकों के द्वारा छात्रों को तनाव रहित होकर एग्जाम देने के लिए विशेष रूप से समझाते हुए मार्गदर्शन भी किए जाते हैं। लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं फ्रेंड सर्कल या फिर अन्य लोगों को देखते हुए अधिक से अधिक नंबर या फिर श्रेष्ठ रैंक के लिए दबाव बना ही रहता है। और जब आशा के अनुरूप एग्जाम में नंबर या फिर रैंक नहीं आए , तो कई बार युवा छात्र वर्ग आत्मघाती कदम भी उठा लेते हैं।
ऐसा ही एक मामला गुरुग्राम के सेक्टर 72 में हाईराइज सोसायटी बिल्डिंग में देखने के लिए मिला। यहां रहने वाले 17 वर्षीय एक युवा छात्र के द्वारा 15वीं मंजिल से कूद कर सुसाइड कर लिया गया। इसका एक ही कारण सामने आया है कि सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में छात्र में जो उम्मीद लगाई थी , उस उम्मीद के मुताबिक उसे नंबर नहीं मिल सके । इसी हताशा - निराशा और तनाव में उसके द्वारा सुसाइड कर लिया गया। उपलब्ध जानकारी के मुताबिक सुसाइड करने वाले छात्र के द्वारा सुसाइड नोट में लिखा गया है, सॉरी - मम्मी पापा । मेरे नंबर काम आए । मैं ज्यादा मोबाइल देखा था । इसमें आपकी कोई गलती नहीं । छात्र के द्वारा हाई राइज बिल्डिंग की 15वीं मंजिल पर लिफ्ट से जाना और फिर वहां से छलांग लगा देना। यह घटना किसी को भी विचलित कर सकती है । बताया गया है कि सुसाइड करने वाले छात्र के पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उसका भाई अमेरिका में रहता है। घटना के समय पिता घर पर नहीं थे मां अपने घरेलू कार्य में व्यस्त बताई गई।
सूत्रों के मुताबिक सुसाइड करने वाले छात्र की पहचान शौर्य शांडिल्य के रूप में की गई है। शौर्य शांडिल्य को पूरा विश्वास था कि सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में उसकी 90 प्रतिशत तक अंक अवश्य प्राप्त हो जाएंगे । इसी प्रकार की संभावना उसके द्वारा माता-पिता के साथ शेयर की गई। इतने अधिक नंबर की संभावना और उम्मीद को देखते हुए बताया गया है परिजनों के द्वारा भी शौर्य शांडिल्य को उसकी मनपसंद के उपहार इत्यादि देने की बात कही गई । लेकिन परिणाम आने पर करीब 15 प्रतिशत कम अंक प्राप्त होने से छात्र को बहुत अधिक मायूसी और निराशा हुई । जिस प्रकार से उसके द्वारा सुसाइड जैसा कदम उठाया गया । उसे देखते हुए यही लगता है कि कहीं ना कहीं कम नंबर आने की बात को उसने दिल पर ले लिया। युवा पुत्र छात्र के द्वारा की गई सुसाइड से परिजन भी और आसपास के रहने वाले भी गहरे सदमे में है।