महामंडलेश्वर ज्योति गिरी के खिलाफ बोहड़ाकला में विरोधियों ने खोला मोर्चा

By :  Newshand
Update: 2025-09-20 11:41 GMT


ज्योति गिरी के खिलाफ बैनर लेकर गलियों और सड़कों पर विरोध में प्रदर्शन नारे

शुक्रवार को विरोध रैली और प्रदर्शन के लिए कथित रूप से नहीं ली प्रशासनिक अनुमति

शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन से पहले राधा कृष्ण मंदिर में ही बैठक का आयोजन

शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन रैली के दौरान कथित रूप से हाथापाई भी की हुई

फतह सिंह उजाला

बोहड़ाकला/ पटौदी। महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के फाउंडर ट्रस्टी और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी (Mahamandaleshwar Jyoti Giri)के खिलाफ एक बार फिर से सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला में विरोधियों के द्वारा मोर्चा खोल दिया गया।। इससे पहले वर्ष 2025 में ही 9 जून सोमवार को भी मेजबान गांव के राधा कृष्ण मंदिर परिसर में कथित रूप से विरोधी पक्ष के द्वारा बैठक / पंचायत का आयोजन किया गया। इस बैठक में भी विभिन्न प्रकार के गंभीर आरोप लगाते हुए और पिछले घटनाक्रम का हवाला देते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग उठाई गई । इसी बीच में उनकी मलकियत की प्रॉपर्टी का विवाद उभर आया और संबंधित प्रॉपर्टी और मलकियत को लेकर ज्योति गिरी की तरफ से आपराधिक मामला भी दर्ज करवाया गया। इस प्रकरण में प्रशासन के द्वारा कब्जेदार से बिल्डिंग को खाली करवा लिया गया है। इसी बीच ज्योति गिरी महाराज के प्रति आस्थावान और श्रद्धालुओं के द्वारा ज्योति गिरी के हवाले से मीडिया को जानकारी दी गई कि वह शारदीय नवरात्र के पहले नवरात्र पर अपनी मलकियत की प्रॉपर्टी परिसर में आने की योजना बनाई गई , लेकिन अब इस सवाल का जवाब भविष्य के गर्भ में है।





 



9 जून सोमवार को जिस मंदिर परिसर में पंचायत कर ज्योति गिरी के खिलाफ गांव के ही सरपंच तथा अन्य लोगों के द्वारा मोर्चा खोला गया।। उसकी ही पुनरावृति शुक्रवार 20 सितंबर को क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला की गलियों और रास्ता आम पर भी देखने के लिए मिली। विरोध प्रदर्शन करने वालों में अधिकांश नाम और चेहरे वही शामिल रहे जो 9 जून सोमवार की ज्योति गिरी के खिलाफ राधा कृष्ण मंदिर परिसर में मौजूद दिखाई दिए। करीब 3 महीने में इतना बदलाव अवश्य देखा गया कि पहले की पंचायत मंदिर परिसर में ही समाप्त हो गई थी। लेकिन एक दिन पहले शुक्रवार की मंदिर में आरंभ हुई पंचायत ने गांव की ही गलियों से लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर ज्योति गिरी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर नारेबाजी भी की। शुक्रवार के इस विरोध प्रदर्शन को लेकर तथा कथित रूप से दोनों पक्षों के बीच मारपीट और हाथापाई के वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। कथित रूप से अभी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूरे प्रकरण को लेकर भड़काऊ पोस्ट डाली जा रही है।




इस पूरे संदर्भ में स्थानीय प्रशासन के ही एक वरिष्ठ पदाधिकारी से बातचीत किया जाने पर बताया गया कि शुक्रवार का विरोध प्रदर्शन का घटनाक्रम मेजबान ग्राम पंचायत और ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के अधिकार क्षेत्र का है। लेकिन अधिकारी के द्वारा इतना अवश्य बताया गया कि शुक्रवार को किए गए विरोध प्रदर्शन की परमिशन नहीं ली गई ना इसकी कोई जानकारी दी गई। कथित इस मनमानी को इस प्रकार से भी देखा और आकलन किया जा सकता है कि पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने आप को शासन प्रशासन और अधिकारियों से भी उच्च अधिकार प्राप्त सर्वोपरि ही मानकर विरोध प्रदर्शन किया ? बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम में दोनों पक्षों की तरफ से थाना बिलासपुर पुलिस में अपनी अपनी शिकायतें दी जा चुकी हैं । इस संदर्भ में इतना ही कहा गया है कि विरोधी खेमा सरपंच पक्ष की तरफ से दी गई शिकायत पर दूसरे पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर किया गया है। इसी प्रकरण में स्वामी ज्योति गिरी महाराज के प्रति आस्थावान और समर्थकों की तरफ से यह जानकारी भी निकाल कर आ रही है कि उनकी तरफ से किसी भी प्रकार के विवाद झगड़ा इत्यादि से दूर रहने के लिए ही निर्देश दिए गए हैं । अब देखना यही है कि दूसरे पक्ष की शिकायत पर किस-किस के खिलाफ और कब तक पुलिस प्रशासन के द्वारा किन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकेगा । दूसरे पक्ष की तरफ से 12 लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दी गई है।

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