Zirakpur News -चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जमीन न देने के चलते हरमिलाप नगर रेलवे फाटक को निर्माण अधर में अटका

- बलटाना क्षेत्रवासी अब खटखटाएंगे अदालत का दरवाजा
रोहित गुप्ता
जीरकपुर 22,जुलाई
हरमिलाप नगर रेलवे फाटक पर जाम की समस्या भी बढ़ गई है। ट्रेन आने से कुछ समय पहले फाटक को बंद कर दिया जाता है। जब तक फाटक बंद रहता है दोनों ओर वाहनों की लाइन लंबी होती लग जाती है। सुबह के समय तो चंडीगढ़ के रायपुरकलां से लेकर बलटाना तक ट्रैफिक प्रभावित होता है। हरमिलाप नगर रायपुरकलां रेलवे फाटक नंबर 123 पर पिछले कई सालों से अंडरपास बनाने का काम लंबित है। बलटाना के लोगों द्वारा अंडरपास की मांग की जा रही है। अंडरपास को लेकर साल 2017 में इंटर स्टेट मीटिंग भी हुई थी। अंडरपास चंडीगढ़ की जमीन पर बनना है इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन को जमीन का अधिग्रहण करना था। लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंजाब सरकार और रेलवे विभाग अंडरपास बनाने को तैयार है लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जमीन अधिग्रहण करने में देरी की जा रही है। इस संबंधी जब भी चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों से बात की जाती है तो अधिकारी हर की तरह रटा रटाया जवाब देते है कि वर्क अंडर प्रोग्रेस है। इस मामले को लेकर बलटाना के निवासी गुरबिंदर सिंह, रविंद्र हांडा, नीलम, सुदेश देवी, एडवोकेट मुकेश, हरविंदर सिंह, स्नेह लता, संगीता वर्मा समेत अन्य लोगों का कहना है कि बलटाना. चंडीगढ़ रोड पर स्थित हरमिलाप नगर रेलवे फाटक लगने के बाद जाम की स्थिति बन जाती है और लोगों को घंटों परेशान होना पड़ता है। इस जाम की समस्या से निपटने के लिए लोगों द्वारा पिछले कई सालों से यहां अंडरपास बनाने की मांग की जा रही है। लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि कई साल बीत जाने के बावजूद हरमिलाप रेलवे फाटक पर अंडरपास बनने का काम शुरू है हो पाया है जबकि इस फाटक से रोज हजारों की संख्या में वाहन गुजरते है जिससे जाम की समस्या होती है। लोगों के अनुसार कुछ समय पहले अंडरपास बनाने के लिए रेलवे द्वारा टेंडर अलॉट किया गया था लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जमीन एक्वायर करके रेलवे को नहीं दी गई जिस कारण उस समय रेलवे ने टेंडर रद्द कर दिया था। आज तक काम लटक रहा है जिसका खामियाजा बलटाना के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
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फाटक बंद होने के बाद लगता है लंबा जाम
फाटक लगने के बाद हरमिलाप नगर की तरफ जाने वाला रास्ता भी ब्लॉक हो जाता है। फाटक से लेकर करीब एक किलोमीटर तक रोड पूरी तरह ब्लॉक हो जाती है। यहां कुछ ट्रेनें कम अंतराल के बाद भी आती हैं जिसके चलते एक ट्रेन को गुजारने के लिए फाटक बंद किया जाता है। ट्रेन के चले जाने के बाद फाटक खोल दिया जाता है लेकिन जब तक यहां लगा ट्रैफिक निकल भी नहीं पाता कि दूसरी ट्रेन के आने का समय हो जाता है। लोगों को रोक का फिर से फाटक बंद कर दिया जाता है। ऐसे में कई वाहन तो जाम में फंसे ही रह जाते हैं। कई लोगों को इस रोड पर फाटक की वजह से एक घंटे तक भी फंसे रहना पड़ता है।