भाजपा सबसे आगे 100 प्रतिशत टैक्स छूट का लाभ उठाया 2243.947 करोड़ रु. चंदा मिला

चुनाव की निगरानी करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर)(Association for Democratic Reforms ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को मिले 20,000 रुपये से अधिक के चंदे पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इस राष्ट्रीय दलों में भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय दलों को 20,000 रुपये से अधिक के कुल 12,547 दान मिले, जिनकी कुल राशि 2544.278 करोड़ रुपये थी, यानी राष्ट्रीय दलों को मिला प्रति दान औसतन 20.27 लाख रुपये है. भाजपा को सबसे अधिक 8,358 व्यक्तियों और कंपनियों से दान हुए, जबकि कांग्रेस को कुल 1994 दान प्राप्त हुए.
===टॉप दानकर्ता===
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (Prudent Electoral Trust) ने भाजपा और कांग्रेस को मिलाकर कुल 880.0775 करोड़ रुपये का दान दिया, जो राजनीति दलों को चंदा देने वाला शीर्ष दानकर्ता है. ट्रस्ट ने भाजपा को 723.675 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल राशि का 32.25 प्रतिशत) और कांग्रेस को 156.4025 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल राशि का 55.56 प्रतिशत) दान किए.
ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट (Triumph Electoral Trust) ने चार दान के जरिये भाजपा को 127.50 करोड़ रुपये दान किए और डेरिव इन्वेस्टमेंट (Derive Investments) ने भाजपा को 50 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 3.20 करोड़ रुपये दान किए.
वित्त वर्ष 2023-24 में एक्मे सोलर एनर्जी (Acme Solar Energy) ने 5 दान के जरिये 51 करोड़ रुपये, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने एक दान के रूप में 50 करोड़ रुपये, रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने एक दान से 50 करोड़ रुपये दान और दिनेश चंद्र आर. अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड ने एक दान से 30 करोड़ रुपये भाजपा को दान किए.
===गलत पैन /गलत DD /चैक नंबर=====
तीन राष्ट्रीय दलों (कांग्रेस- 73.90 लाख रुपये, भाजपा- 51.70 लाख रुपये और सीपीआईएम- 33 लाख रुपये) ने 84 दानों से 1.586 करोड़ रुपये घोषित किए हैं, जिनमें पैन विवरण गायब या गलत हैं.
भाजपा ने 1384.602 करोड़ रुपये के 1564 दान घोषित किए, कांग्रेस को 244.571 करोड़ रुपये के 536 दान मिले. आप ने 5.325 करोड़ रुपये के 168 दान एकत्र किए. सीपीआईएम को 4.547 करोड़ रुपये के 286 दान मिले और एनपीईपी को 5 लाख रुपये का एक दान प्राप्त हुआ, जिसमें चेक/डीडी का विवरण अधूरा था.
पिछले 18 वर्षों की तरह बीएसपी ने फिर से घोषित किया है कि पार्टी को 20,000 रुपये से अधिक का कोई दान नहीं मिला.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट की वार्षिक रिपोर्ट और वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए भाजपा की योगदान रिपोर्ट की तुलना करने पर एडीआर ने पाया कि ट्रस्ट की रिपोर्ट में भाजपा को 723.785 करोड़ रुपये के 31 दान का योगदान घोषित किया गया है, जबकि पार्टी की रिपोर्ट में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 723.675 करोड़ रुपये के 30 दान घोषित किए गए हैं.
इसके अलावा, जय भारत इलेक्टोरल ट्रस्ट की वित्त वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इसने भाजपा को 5 करोड़ रुपये का दान दिया. हालांकि, इसी अवधि के लिए भाजपा की योगदान रिपोर्ट में इस योगदान का जिक्र नहीं है.===पार्टियों ने बताया===
भाजपा द्वारा चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सत्ताधारी पार्टी को कुल 2243.947 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले. कांग्रेस ने इसी अवधि में 281.48 करोड़ रुपये चंदा मिलने की घोषणा की. भाजपा को मिला चंदा कांग्रेस, AAP, CPIM और एनपीईपी द्वारा घोषित कुल दान से 6 गुना अधिक है. भाजपा को 2243.947 करोड़ रुपये चंदा मिला जबकि शेष दलों को कुल 300.331 करोड़ रुपये मिले. भाजपा को प्रति दान औसतन 26.84 लाख रुपये मिले और कांग्रेस को प्रति दान 14.11 लाख रुपये मिले.बसपा की घोषणा के अनुसार, पार्टी को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 20,000 रुपये से अधिक का कोई दान नहीं मिला. बसपा पिछले 18 वर्षों से यही घोषणा करती आ रही है.
====किस राज्य से कितना दान मिला===
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली से राष्ट्रीय दलों को कुल 989.20 करोड़ रुपये का दान मिला. इसके बाद गुजरात से 404.512 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र से 334.079 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले. अमेरिका के एक व्यक्ति ने AAP को 7000 रुपये का चंदा दिया