युद्ध के ज्वालामुखी पर बैठा पूरा विश्व

युद्ध के ज्वालामुखी पर बैठा पूरा विश्व।
आतंकवाद,विस्तारवाद मूल वजहl
वैश्विक नजरिये से देखा जाए तो पूरा विश्व आज युद्ध की ज्वाला में धधक रहा है। दो वर्षों से ज्यादा हो गए जब रूस ने यूक्रेन पर अपने विस्तारवादी मंसूबे को पूरा करने के लिए यूक्रेन पर बेवजह आक्रमण किया था और हमला यह सोचकर किया गया था की 7 दिन के भीतर यूक्रेन पर रूस कब्जा कर लेगा पर हुआ इसके ठीक उलट,1 यूक्रेन ने अमेरिका इजरायल और यूरोपीय देशों की मदद से रुस से डटकर मुकाबला किया और युद्ध आज तक चल रहा है हालांकि यह अलग बात है कि दोनों देश को भारी जान माल का नुकसान हुआ है हजारों सैनिक तथा नागरिक मारे गए एवं अरबों रूपयों की हानि हुई है। ईसी तरह फिलिस्तीन आतंकवादी संगठन हमास ने इसराइल के निर्दोष लोगों की हत्या कर इसराइल को युद्ध करने के लिए उकसाया था अब स्थिति यह है कि इसराइल हमास को समूल नष्ट करना चाहता है इसके अलावा पाकिस्तान ने अपने आतंकवादी भेज कर 22 अप्रैल को पहलगाम में 27 निर्दोष व्यक्तियों की धर्म पूछ कर निर्मम हत्या कर दी थी अब जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चला कर पाकिस्तान में घुसकर 11 एयर बेस हवाई ठिकानों को तबाह किया है और लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया और भारत का दवा है कि अभी ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है जरूरत पड़ने पर इसे विस्तारित भी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पूरा विश्व पहलगाम के इस आतंकवादियों के खतरनाक हमले के विरुद्ध भारत के साथ खड़ा है और पाकिस्तान के साथ केवल चीन तथा तुरकिये ही खड़ा है। वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान एक आतंकवादी देश स्थापित हो चुका है और भविष्य में उसके अस्तित्व को संकट आ गया है।(whole world is sitting on the volcano of war)
कुल मिलाकर अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में धार्मिक आतंकवाद(Religious terrorism) और औपनिवेशिक विस्तारवाद की लालसा के चलते पूरा विश्व आतंकवाद एवं युद्ध की ज्वाला में धधक रहा है। युद्ध का भयानक स्वरूप रूस यूक्रेन युद्ध में सामने आया उसके पश्चात इसराइल और हमास के मध्य युद्ध ने भी अपना रौद्र रूप दिखाया है।
ईरान के इशारे और उकसाने पर हमास ने पूरी तैयारी के साथ इसराइल के कई शहरों पर शनिवार की सुबह-सुबह 5000 रॉकेट से हमला बोलकर लगभग 700 नागरिकों और सैन्य तथा पुलिस के अधिकारियों सहित हत्या कर दी है साथ ही लगभग ढाई हजार लोग जख्मी भी हुए हैं। हमास द्वारा यह भी दावा किया गया है कि उसने 50 इजरायली सैन्य अधिकारियों का अपहरण भी कर लिया है। इधर इसराइल ने भी दावा किया है कि उसने जवाबी हमले में लगभग 500 उग्रवादियों को मार गिराया है। न्यूज़ एजेंसी के अनुसार हमास ने जो इजरायली लोगों को बंधक बनाया है उनके बदले वह अपने उन आतंकवादियों की रिहाई करवाना चाहता है जो इजरायल के कब्जे में है ।हमास के लिए यह आक्रमण उसकी प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है।
हमास के इस भयानक हमले से इसराइल के नागरिक गहरे सदमे में है वह इसी तरह सदमे में है जैसे 9/11 के सदमे में अमेरिकी सहम गए थे। इसराइल के प्रधानमंत्री पर पहले से दबाव था कि हमास के विरुद्ध हमला कर उसे पर आक्रमण करें पर पर इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यनाहू इस आक्रमण से बचते रहे हैं पर अब हमास के इसराइल पर अमानवीय हमले के खिलाफ इसराइल के लोग भरपूर जवाब देने की मानसिक स्थिति में पहुंच चुके हैं। इसराइल ने दावा किया है कि इस बार जो हमास के विरुद्ध युद्ध होगा वह दुश्मनों ने कभी सोचा और देखा नहीं होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन के इजरायली संस्थान एवं शोधकर्ता मार्क हीलर के अनुसार इस बार इसराइली नागरिकों पर बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक असर हुआ है उसे देखते हुए इसराइल बदला लेने के लिए कोई भी कीमत चुका सकता है। न्यू यॉर्क टाइम्स के हवाले बताया गया कि अरब युद्ध से भी इस युद्ध की कई समानताएं हैं वर्ष 1973 में मिश्र, सीरिया की तरह इस युद्ध में हमास का लक्ष्य निश्चित रूप से रणनीतिक उद्देश्यों को लेकर है जो इसराइल को मारने अपंग करने से कहीं बढ़कर है। हमास इजरायली लोगों पर जितने भयानक हमले कर रहा है इसका स्पष्ट उद्देश्य विनाशकारी इजरायली प्रतिक्रिया को भड़काना ही है। हमास के इस हमले से इसराइल और सऊदी अरब के बीच हुए शांति समझौते को खंडित कर देगी। इस युद्ध से न केवल यहूदी राज्य के प्रति मुस्लिम विरोध भड़केगा बल्कि इसराइल को भी हमास तथा फिलिस्तीन अन्य संगठनों को खत्म करने की चाहत बढ़ जाएगी। इजराइल का विश्व स्तरीय खुफिया संगठन मोसाद की असफलता के कारण हमास ने इतना बड़ा हमला किया है अब इजरायल के विचार हमास को दंडित करने की नहीं है बल्कि उसकी समूल नष्ट करने का है और इसी के परिणाम स्वरुप इसराइल ने गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं और लगभग 500 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है वहां की कई इमारतें को नष्ट कर दिया है। पूरी की पूरी गाजा पट्टी फिलिस्तीन लोगों के कब्जे में है और इन उग्रवादियों का केंद्र भी है इसीलिए इजराइल का पूरा ध्यान इस गाजा पट्टी पर ही है। उल्लेखनीय है कि इसराइल के इस संकट के समय अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस ,ऑस्ट्रेलिया,कनाडा ने अपना पूरा समर्थन इसराइल को दिया है और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन तुरंत आर्थिक मदद की भी घोषणा कर दी है। इसराइल के पास हमास के हमले से रक्षा करने के लिए आयरन डॉम रक्षात्मक प्रणाली थी जो हवा से हवा में मार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम है जो हमास पर हमले और उसको भयानक नुकसान करने वाला सिस्टम है ।अब इस रक्षात्मक आयरन डोम के असफल होने से फिलिस्तीन उग्रवादी हमास संगठन इतना बड़ा हमला कर पाया।
इजराइल का उदय 1948 को हुआ था पर आज तक सऊदी अरब ने इसे मान्यता नहीं दी है अमेरिका यह चाहता है कि इसराइल और सऊदी अरब तथा अन्य मुस्लिम एशियाई देशों से इजरायल के संबंध सामान्य हो और यह देश इजराइल को मान्यता प्रदान करें। पर अब इजरायली और फिलिस्तीन आपसी युद्ध के कारण अमेरिका का प्रयास असफल होता प्रतीत हो रहा है। न्यूयॉर्क और एजेंसी के अनुसार 2006 की तरह हिजबुल आतंकवादी संगठन उत्तरी इजराइल में युद्ध का नया मोर्चा खोल सकता है कि हिजबुल आतंकवादी संगठन को इसराइल के कट्टर दुश्मन ईरान का पूरा समर्थन एवं सहयोग प्राप्त है और ईरान ही हिजबुल और हमास को इसराइल के विरुद्ध पूरी पूरी खुफिया जानकारी तथा हथियार की मदद करता आया है। लेबनान में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल अचानक इसराइल हमास युद्ध में कूद पड़ा है और उसने रविवार को इजरायली ठिकानों पर हमले भी किए हैं हिजबुल अपने को हमास का तथा फिलिस्तीन का समर्थन तथा साथी ही बताता है। मूलतः हिजबुल सिया आतंकी संगठन है जिसे ईरान समर्थन सहयोग देता है।
इसराइल के बारे में माना जाता है कि वह अपने दुश्मनों को छोड़ता नहीं है पर अब हमास के साथ ईरान अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है और इसके साथ अन्य मुस्लिम देशों के शामिल होने की संभावना है। यदि इजरायल के साथ अमेरिका ,ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया ,फ्रांस और नाटो देश शामिल होते हैं तो इस युद्ध को विश्व युद्ध में बदलने में ज्यादा देर नहीं लगेगी और यह वैश्विक शांति के लिए एक बड़े खतरे की घंटी होगी। इसके लिए बाहुबली देशों को काफी समझदारी से काम लेना होगा तब ही युद्ध विराम हो सकता है।
संजीव ठाकुर, स्तंभकार