आतंकवाद के फन को कुचलने का माकूल समय।

(आई.एस.आई. और टी.आर फ़ का हाथ)
आतंकवाद के फन को कुचलने का माकूल समय।
पहलगाम में हाइब्रिड आतंकी हमला, 26 भारतीयों की हत्या।
जम्मू कश्मीर पहलगाम पर्यटन स्थल में सेना की वर्दी में आए चार पांच आतंकवादियों ने पर्यटन पर स्टील बुलेट से हमला कर 26 भारतीय तथा दो विदेशियों की निर्मम हत्या कर दी है। यह पुलवामा आतंकी हमले के बाद का सबसे बड़ा हमला है 28 मृतकों में अधिकांश पर्यटक हैं इसमें दो विदेशी तथा दो स्थानीय लोग शामिल है इसमें एक आईबी अफसर भी शामिल है। ज्ञात हो इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ(दी रेसिस्टेंट फ्रंट) आतंकी संगठन ने अपने ऊपर ली है टीआरएफ संगठन लश्कर तैयबा पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन है जिसको पाकिस्तान की सरकार और आई एस आई का खुला समर्थन प्राप्त है एवं पाकिस्तान सेना इन्हें हथियार तथा धन मुहैया कराती है। यह हमला स्टील बुलेट से किया गया स्टील बुलेट चीन द्वारा पाकिस्तान सेना को युद्ध के लिए दी जाती है और यह स्टील बुलेट पाकिस्तान सुना ने लश्कर तैयबा के लड़ाकू आतंकवादियों को इस घटना को अंजाम देने के लिए दी गई थी। दुखद बात यह है कि आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछ पूछ कर पुरुषों को गोली मारी एवं महिलाओं को को छोड़कर उनसे कहा गया है कि अपनी सरकार को बता देना। इन सभी मृतक पर्यटकों में महाराष्ट्र राजस्थान उड़ीसा छत्तीसगढ़ एवं देश के अन्य राज्यों के निवासी शामिल है। जिस घोड़े के रेसकोर्स मैदान में निर्दोष पर्यटकों को मारा गया वहां पूरे मैदान में कहीं छुपने की जगह भी नहीं थी ऐसे में पर्यटक असहाय तथा असमर्थ थे। कुल मिलाकर यह एक दर्दनाक एवं निर्मम हत्याकांड को आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया ऐसे में अब आतंकवादियों तथा उनकी सोच को समूह नष्ट किया जाना चाहिए। यह आलेख लिखते समय जानकारी मिली है कि अनुसार दो आतंकवादियों को सेवा के जवानों ने मार गिराया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना की निंदा कर भारत को संपूर्ण समर्थन देने का वादा किया है दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एवं फ्रांस, कनाडा, इंग्लैंड एवं अन्य यूरोपीय देशों में भी भारत का समर्थन किया है। यह हमला भी ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिका को राष्ट्रपति कई सामरिक तथा व्यापारिक अनुबंधों पर चर्चा एवं हस्ताक्षर करने चार दिन की यात्रा पर भारत पधारे हैं, इसके अलावा वक्फ बोर्ड पर मुसलमान लगातार हड़ताल कर रहे हैं साथ ही प्रधानमंत्री सऊदी अरब की 2 दिन की यात्रा पर हैं। यह ऐसे समय टीआरएफ ने जानबूझकर चुना जिसमें सरकार का ध्यान इन पर ना जा सके। प्रधानमंत्री मोदी अपनी सऊदी अरब की यात्रा को स्थगित कर वापस आ चुके हैं एवं जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की हाई लेवल की बैठक भी जारी है। जांच एजेंसी के अनुसार या हमला पर्यटकों पर हाइब्रिड आतंकवादियों द्वारा किया गया हाइब्रिड आतंकवादी वे आतंकवादी है जो सामान्य रूप से इंजीनियर, डॉक्टर, मजदूर, कारीगर, पेंटर कुछ भी हो सकते हैं एवं इनको छुप कर
हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है एवं मौका आने पर इनको हथियार उपलब्ध कराकर कराकर उनके आतंकवाद फैलाने का आदेश दिया जाता है यह हाइब्रिड आतंकवादी वारदात को अंजाम देकर फिर सामान्य जन जीवन में छुप जाते हैं जिनको चिन्हित करना तथा इनसे निपटना एक बड़ी समस्या है। वैसे अब टेक्नोक्रेट आतंकवादी भी कई तरह के आतंकवाद को जन्म दे रहे हैं यह आतंकवादी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर का कई तरह से आतंकवाद फैलाने में सफल हुए हैं।वैसे तो उग्रवाद, आतंकवाद और अतिवाद हमेशा से अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बने हुए हैंl पहले यह आतंकवादी हाथों में बंदूक, ग्रेनेटो, रॉकेट लांचर लेकर विभिन्न देशों में तोड़फोड़ आगजनी और हत्या की घटनाएं किया करते थेl अब समय के परिवर्तन के साथ साथ आतंकवाद में अब इंटरनेट, मीडिया, सोशल मीडिया ने अपने पैर फैलाना शुरू किए हैंl आतंकवाद के नेटवर्क के लिए इंटरनेट तथा हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का आसानी से उपयोग करने लगे हैंl अमेरिका में जो ट्विन टावर और पेंटागन में हमले हुए थे, उसमें आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का उपयोग कर लक्ष्य भेदी विमानों को को भेजा गया था और एक बड़ी विध्वंसकारी घटना को अंजाम दिया गया था। समय और तकनीकी शिक्षा के बढ़ने के साथ-साथ अब उग्रवादी तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर बड़े इंजीनियर तथा सॉफ्टवेयर इंजीनियर इस मैदान में आतंकवादियों के साथ टूट पड़े हैं। यह टेक्नोक्रेट स्लीपर सेल्स बड़े ही खतरनाक ढंग से सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल कर जनता को दिग्भ्रमित कर झूठी अफवाहें फैलाकर कई देशों के सूचना तंत्र में सेंध लगाकर वहां की सूचनाएं प्राप्त कर अपने उग्रवादी साथियों को भेज कर खुफिया सूचनाएं भेजते हैं। आतंकवादी गतिविधियों के लिए यह सूचनाएं अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। और देशों की शांति के लिए बहुत बड़ा खतरा भी होती हैं। भारत के परिपेक्ष में भारत में बाहर के टेक्निकल शिक्षा प्राप्त किए आतंकवादी जिन्हे व्हाइट कॉलर आतंकवादी भी कहा जाता है। खुफिया तंत्र के हिसाब से यह तकनीकी स्लीपर सेल्स शांति के लिए अन्य आतंकवादियों से ज्यादा खतरनाक होते हैं। क्योंकि इनकी पहचान नहीं हो पाती है। ये छुपे हुए होते हैं। इनका पता लगाना अन्य आतंकवादियों से ज्यादा कठिन होता है और केवल तकनीकी जानकारी के आधार पर ही संभव हो पाता है। यह टेक्नोक्रेट स्लीपर सेल्स इसलिए भी ज्यादा विनाशकारी होते हैं, क्योंकि यह दूर ठिकानों में बैठकर मीडिया, सोशल मीडिया, इंटरनेट के जरिए युवाओं को उकसा कर, भड़का कर सांप्रदायिक दंगे कराने में सफल हो जाते हैं। लेकिन अब पहलगाम में 28 लोगों की हत्या के बाद भारत सरकार को तथा वैश्विक संगठनों को आतंकवाद को समूल रूप से नष्ट करने तथा इसके पान को कुचलना के लिए बहुत ही कठोर कदम उठाकर उनकी सहायता तथा हथियार एवं धन उपलब्ध कराने वालों को हाथों को ही काट दिया जाना चाहिए। अन्यथा यह आतंकवाद का नासूर पूरी दुनिया में कैंसर बनाकर फैल जाएगा और मानवता के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकता है।
संजीव ठाकुर, चिंतक,लेखक,स्तंभकार