ट्रंप का टैरिफ वार बनाम वर्ल्ड वॉर।

ट्रंप और एलन मस्क के खिलाफ विरोध प्रदर्शन।
डोनाल्ड ट्रंप जब दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए थे और उन्होंने अपना सहयोगी सलाहकार एलन मस्क को बनाया था तब लगा सचमुच दुनिया की आर्थिक व्यवस्था में काफी सुधार आएगा दूसरी तरफ ट्रंप ने विश्व युद्ध रोकने की जोरदार मुहिम की शुरुआत की थी लेकिन ट्रंप के टैरिफ हाइक ने भारत के साथ यूरोपीय देशों और नाटो देशों के व्यापार जगत में हड़कंप मचा दिया है। भारत में ही सेंसेक्स 3000 अंक में उछाल ला दिया है और निफ्टी मैं 850 अंक की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ अमेरिका में ही महंगाई 10% का उछाल आया है। अमेरिका ने सभी देशों पर 25 से 35% तक महंगा कर दिया है जिससे अमेरिका में ही महंगाई का हड़कंप मचा हुआ है। ट्रंप की इस मनमानी पर 50 राज्यों में 150 महत्वपूर्ण समूह ने उग्र प्रदर्शन कर दिया है डोनाल्ड ट्रंप के साथ सहयोगी एलन मस्क का भी जबरदस्त विरोध शुरू हो गया। टैरिफ में जबरदस्त बढ़ोतरी, कर्मचारियों में भारी कटौती एवं अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट के कारण हजारों-हजार नागरिकों और व्यापारिक समूह ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
वैश्विक युद्ध की संभावना को रोकने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन और जेलेंस्की की से वार्ता शुरू की जिससे संभावना बन रही थी कि रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-पिलिस्तिनी युद्ध में रोक लगेगी पर ऐसा हुआ नहीं। ट्रंप ने एलन मस्क की सलाह पर टैरिफ बढाकर वैश्विक व्यापार युद्ध को न्योता दे दिया है। विश्व युद्ध रोकने की जगह अब अब व्यापारिक युद्ध का ऐलान हो गया जिससे वर्तमान में अमेरिका में विपक्ष की मुहिम के तहत हुए प्रदर्शनों में 150 से अधिक समूह शामिल रहे इसमें नागरिक अधिकार संगठन श्रमिक संघ एवं वकालत करने वाले समूह बुजुर्ग तथा चुनावी सुधारों में वकालत करने वाले समूह शामिल हो गए हैं। कैलिफोर्निया, मैनहटन से लेकर अलास्का तक देश भर के शहरों में लाखों प्रदर्शनकारियों ने सरकार द्वारा छटनी तथा अर्थव्यवस्था, आवर्जन व मानव अधिकारों पर ट्रंप तथा उनके सहयोगी अरबपति एलन मस्क की कार्रवाई की आलोचना कर खुलकर प्रदर्शन किया जा रहा है। अमेरिका में ही पोर्टलैंड ओरेगन और लॉस एंजल प्रदर्शन कार्यो ने बड़ी-बड़ी रैलियां निकाली है।
अमेरिकी राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निर्देशक केबिन हैसेट ने बताया कि व्हाइट हाउस में लगभग 50 देश देश के प्रतिनिधियों से संपर्क कर टैरिफ पर अपनी बात रखी है। प्रदर्शनकारी 150 समूहों ने आरोप लगाया है की ट्रम्प और एलन मस्क अपने आमिर साथियों को फायदा पहुंचाने के लिए नए-नए कदम उठाए हैं जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो सके और इसका ही खुलकर वहां की आम जनता एवं अन्य समूह विरोध कर रहे हैं। भारत के संदर्भ में भारत के निर्यात पर 25% से 27% टैरिफ लगाने से भारत में भी निर्यात पर महंगाई काफी बढ़ जाएगी एवं इसका असर भारत के घरेलू उत्पाद पर भी पड़ेगा। इस बात के विरोध पर एवं ट्रंप के फैसलों से नाराज लोग बाग लाखों की संख्या में विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
विरोध प्रदर्शन में जाने माने उद्योगपति बाल्टीमोर निवासी रॉब अपने बेटों तथा पत्नी कैथरीन के साथ वाशिंगटन में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए उन्होंने प्रदर्शन करते हुए शेयर बाजार सूचकांक में गिरावट को दर्शाते हुए ग्राफ के साथ एक साइन बोर्ड लगाया था उस पर लिखा गया क्या हमने इसी बात के लिए हमने आपको वोट दिया था हम इस बात का खुलकर विरोध करते हैं। अनेक संगठन तथा अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के सरकारी कार्य दक्षता विभाग की छटनी का शिकार हुए हैं एवं इसके विरोध में रैली में शामिल भी हुए हैं। अब ट्रंप तथा एलन मस्क तथा पूरे अमेरिकी प्रशासन को दो बड़े मुद्दों पर पूरे विश्व से नाराजगी झेलनी पड़ रही है। वैश्विक युद्ध रोकने के लिए ट्रंप ने पुतिन को आश्वासन दिया था पर ट्रंप की बात पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपना अविश्वास जाहिर किया उल्लेखनीय है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ नाटो तथा यूरोपीय देश के अन्य देश ने यूक्रेन का साथ देकर अमेरिका का खुलकर विरोध किया है। पुतिन ने यूक्रेन पर जबरदस्त हमले फिर जारी कर कर दिए हैं इसके अलावा इजराइल ने गाजी तथा अन्य क्षेत्र पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए युद्ध विराम की कोई संभावना दिखती नजर नहीं आती इसके अलावा दूसरी तरफ वैश्विक व्यापार युद्ध शुरू हो चुका है। इस बार डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में राष्ट्रपति पद की पारी उन पर भारी पड़ती नजर आती है । ऐसा लगता है की ट्रंप सिर्फ अमेरिका के व्यापारिक हितों के राष्ट्रपति ही बनकर रह जाएंगे और धीरे-धीरे ट्रंप पर भरोसा सभी देशों का कम होते जाएगा क्योंकि पहले से ही चीन तथा उत्तरी कोरिया अमेरिका का घोर विरोध करते आ रहे हैं ऐसे में पूरा वैश्विक परिदृश्य विश्व युद्ध तथा व्यापारिक युद्ध की कगार पर आकर खड़ा हो गया है।