अमेरिकी हमलों के बाद पहली बार सामने आए खामेनेई

अमेरिकी हमलों के बाद पहली बार सामने आए खामेनेई, ईरान के लोग बोले- खून की हर बूंद आपके लिए
नई दिल्ली
ईरान और इस्राइल के बीच छिड़े 12 दिन के युद्ध के बाद अब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Iran's supreme leader Ayatollah Ali Khamenei)पहली बार जनता के सामने आए हैं। शनिवार को तेहरान में एक धार्मिक कार्यक्रम में खामेनेई की मौजूदगी दिखी। बीते दिनों अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे, जिसके बाद से खामेनेई सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रहे थे। उनकी मौजूदगी को लेकर अफवाहें भी उड़ रही थीं। लेकिन अब उनकी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं।
86 साल के खामेनेई को काले कपड़ों में मंच पर बैठे देखा गया। उनके सामने मौजूद भीड़ हाथ हवा में उठाकर नारेबाजी कर रही थी कि हमारे खून की हर बूंद हमारे नेता के लिए है। ईरान के सरकारी टीवी ने बताया कि यह कार्यक्रम तेहरान की इमाम खोमैनी मस्जिद में हुआ। यह मस्जिद ईरान के इस्लामिक क्रांति के संस्थापक के नाम पर बनी है। यह कार्यक्रम शिया मुसलमानों के लिए बेहद अहम इमाम हुसैन की शहादत की बरसी पर आयोजित किया गया था।
12 दिन बाद सार्वजनिक मंच पर दिखे खामेनेई
खामेनेई बीते कुछ दिनों से सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर थे। उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति इस्राइल के हमलों से ठीक दो दिन पहले हुई थी, जब वो सांसदों से मिले थे। हालांकि, पिछले हफ्ते उनका एक रिकॉर्डेड वीडियो सामने आया था, लेकिन उनकी शारीरिक स्थिति को लेकर सवाल उठ रहे थे। अब सार्वजनिक मंच पर नजर आने के बाद यह साफ हो गया है कि वो सक्रिय हैं और देश के हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
इस्राइल ने अचानक किए थे हमले
13 जून को इस्राइल ने ईरान पर अचानक हवाई हमले शुरू कर दिए थे। ये हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर किए गए थे। इस्राइल का आरोप है कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बना रहा है, हालांकि ईरान लगातार इससे इनकार करता रहा है। इन हमलों में अमेरिका ने भी इस्राइल का समर्थन किया था। इससे दोनों देशों के बीच दशकों पुराना छाया युद्ध अब खुलकर सामने आ चुका है।
हमलों में 900 ईरानियों की मौत
ईरान की न्यायपालिका के मुताबिक, इन हवाई हमलों में 900 से ज्यादा ईरानी नागरिकों की जान गई। वहीं, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इस्राइल के शहरों पर मिसाइलें बरसाईं। इन हमलों में इस्राइल में कम से कम 28 लोगों की मौत हुई। दोनों देशों के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं।
खामेनेई की मौजूदगी से देश में दिखा संदेश
खामेनेई के मंच पर आने को ईरान में एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। इससे यह संकेत देने की कोशिश की गई है कि देश के शीर्ष नेतृत्व पर कोई असर नहीं पड़ा है और ईरान इस संघर्ष में डटा हुआ है। भीड़ के नारों से भी साफ झलक रहा था कि जनता सरकार और सेना के साथ खड़ी है। हालांकि, इस बीच यह भी साफ नहीं है कि आने वाले दिनों में ईरान और इस्राइल के बीच तनाव कम होगा या जंग और तेज होगी।