अनपढ़ बीजेपी विधायक बिमला चौधरी SDM कब बनी

हरियाणा में SDM राजस्थान में SHO की कुर्सी बिकाऊ है

अनपढ़ बीजेपी विधायक बिमला चौधरी SDM कब बनी

पटौदी एसडीम की कुर्सी पर बैठ विधायक बिमला चौधरी की कॉन्फ्रेंस

अधिकारी की कुर्सी पर वरिष्ठ अधिकारी या फिर एमएलए का अधिकार

प्रोटोकॉल के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारी कोई दी जाती है प्राथमिकता

प्रशासनिक बैठक में जनप्रतिनिधि के लिए विशेष बैठने की होती है व्यवस्था

फतह सिंह उजाला/पटौदी/17 जुलाई

हरियाणा में एसडीएम और राजस्थान में एसएचओ की कुर्सी बिकाऊ है बीजेपी के गुंडे बदमाश और अनपढ़ खड़छे जब मन चाहा दफ्तरों में जाते है और अफसरों की कुर्सियों पर ऐसे बैठ जाते है जैसे वे इस कुर्सी के लायक है जिन बीजेपी वालों ने कभी स्कूल का मुँह नहीं देखा अपनी बदमाशी के चलते धर्म के नाम पर दंगा फसाद करवाना इनका मकसद है और सत्ता की पॉवर मिलते ही इनकी औकात इतनी बढ़ गई की अफसर की कुर्सी भी इनके सामने तुछ लगने लगी और पढ़े लिखे सविधान की कसम खाकर इन बड़े ओहदों पर पहुँचने वाले अफसर इनके सामने नतमस्तक हो गए ?

ताजा मामला गुरुवार को पटौदी लघु सचिवालय में आपातकाल के 50 वर्ष के उपलक्ष पर प्रदर्शनी के दौरान एक अलग ही नजारा और हालात देखने के लिए मिला । हरियाणा सिविल सर्विसेज के अधिकारी पटौदी के एसडीएम कार्यालय में नागरिक और कानूनी अधिकार प्राप्त एसडीएम की कुर्सी पर पटौदी की विधायक बिमला चौधरी ने विराजमान होकर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। नागरिक और कानूनी अधिकार प्राप्त अधिकारी के कार्यालय में आरक्षित कुर्सी पर जनप्रतिनिधि के द्वारा बैठना सामाजिक नैतिक कानूनी और प्रशासनिक नजरिए से एक सवाल बन गया है। एचसीएस अधिकारी अपने ऑफिस में कुर्सी पर बैठकर पब्लिक ग्रीवांसेज के कार्य करते हुए विभिन्न विभागों को दिशा निर्देश भी जारी करते हैं।

पटौदी से भारतीय जनता पार्टी की दूसरी बार निर्वाचित विधायक बिमला चौधरी(BJP MLA Bimla Chaudhary) को एक लंबा अनुभव भी होने से इनकार नहीं किया जा सकता। यह अनुभव इस नजरिया से बेहद महत्वपूर्ण है कि वह अक्सर विभिन्न प्रशासनिक बैठक के साथ-साथ पार्टी संगठन की बैठक में भी शामिल होती रहती हैं। जब प्रशासनिक कार्यालय में बैठक हो, अधिकारी के लिए आरक्षित कुर्सी पर अधिकृत अधिकारी को ही बैठे हुए देखा जा सकता है। इसी प्रकार से जब संगठन या फिर पार्टी की बैठक हो तो पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी के लिए आरक्षित सीट पर संबंधित वरिष्ठ पार्टी अधिकारी या फिर प्रोटोकॉल के मुताबिक वरिष्ठ पार्टी के पदाधिकारी को स्थान उपलब्ध करवाया जाता है। जानकारों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी की कुर्सी पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का ही बैठना संवैधानिक दृष्टिकोण से सही है।

हरियाणा सिविल सर्विसेज (Haryana Civil Services)के ऊपर भारतीय प्रशासनिक अधिकारी का दर्जा कहा जा सकता है। एचसीएस अधिकारी के कार्यालय में जब भी कोई भारतीय प्रशासनिक अधिकारी या वरिष्ठ अधिकारी का आगमन होता है। तो निश्चित रूप से संबंधित अधिकारी वरिष्ठ अधिकारी के लिए स्थान उपलब्ध करवाते हैं। शुक्रवार को पटौदी सब डिवीजन कैंपस में आपातकाल की प्रदर्शनी के दौरान एसडीएम कार्यालय में पटौदी की एम एल ए बिमला चौधरी के बगल में ही भाजपा पाटोदी जिला संगठन के घोषित जिला अध्यक्ष अजीत यादव मौजूद रहे और उनके द्वारा भी पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए गए। इन सभी सवालों के बीच में इस सवाल को भी अपने जवाब की तलाश है । क्या एचसीएस या फिर आईएएस अधिकारी के कार्यालय में अधिकारी के लिए आरक्षित कुर्सी पर विधायक का बैठना राजनीतिक और प्रशासनिक नजरिया से कितना उचित अथवा अनुचित है ?






राजस्थान बीजेपी का बदमाश विधायक SHO की कुर्सी पर

दूसरी तरह अभी पिछले दिनों राजस्थान बीजेपी के एक बदमाश भगवाधारी विधायक बालमुकुंद आचार्य पुलिस थाने में जाकर थाना प्रभारी की कुर्सी पर बैठ जाता है जैसे थाना प्रभारी की कुर्सी बीजेपी के बदमाश विधायक बालमुकुंद के बाप की जागीर है। यह भारत की विड़बना है की इस देश में अफसरशाही नाकारा हो गई और नेताओं की चमचागिरी के चलते सभी अफसरों ने अपने ईमान के साथ साथ सविधान को भी ताक में रख दिया।

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