कैथल पुलिस बोली साइबर क्राइम से आमजन रहे सचेत
जिला कैथल पुलिस ने किया कार एजेंसी में चलाया राहगीरी साइबर जागरूकता अभियान, आमजन व एजेंसी के कर्मचारियों को किया जागरूक

कैथल पुलिस बोली साइबर क्राइम से आमजन रहे सचेत
कैथल (न्यूज हैंड ब्यूरो )
03 अप्रैल () प्रत्येक महिने के पहले बुधवार को पुलिस महानिदेशक हरियाणा के आदेशानुसार राहगीरी प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में एसपी उपासना के मार्गदर्शन में साइबर थाना पुलिस टीम द्वारा किया कार एजेंसी कैथल में राहगीरी साइबर क्राइम जागरुकता अभियान के तहत आमजन सहित एजेंसी के कर्मचारियों को साइबर क्राइम बारे जागरूक किया गया। इस दौरान साइबर थाना पुलिस के एएसआई रविंद्र कुमार की टीम ने बताया कि आमजन सोशल मीडिया पर आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर कैथल पुलिस एवं ट्विटर पर साइबर दोस्त को लाइक करके पुलिस से संबंधित सभी जानकारियों से अपडेट रह सकते हैं।
सेमिनार में मौजूद आमजन व स्टाफ को जानकारी देते हुए टीम ने बताया कि आधुनिकता के युग में आज हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो गया है जिसके कारण आम नागरिकों को जहां इस कारण बहुत लाभ हुआ है वही अपराधी किस्म के लोग इसमें सेंध लगाकर साइबर क्राइम कर आम आदमी के साथ रोज नित नए तरीके अपनाकर फ्रॉड कर रहे हैं, इन्हें रोकने के लिए हम सबको मिलकर सांझे प्रयास करने होंगे। उन्होंने सभी से अपील की कि वे किसी भी प्रकार से प्राप्त हुए लिंक को ना खोले और किसी भी फोन कॉल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर दिए गए प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करे। त्योहारी सीजन के चलते ऑनलाइन खरीदारी करते समय विशेष तौर पर सावधानी बरते व सतर्क रहकर एडवांस पे ना करें। उन्होंने कहा कि आपकी सहायता करने के लिए आपको यदि कोई बैंक, बिजली निगम, टेलीफोन एक्सचेंज, आयकर या किसी भी विभाग का कर्मचारी बताकर आपसे कोई जानकारी मांगता है तो आप उसे अपनी कोई भी जानकारी ना दें उन्होंने बताया कि साइबर ठगों के निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है। फिर चाहे वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग। बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने अपने पैंतरे भी बदले हैं। साइबर ठग इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों के पास किसी एप्लीकेशन के माध्यम से फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। वह उनसे दोस्ती करके धीरे-धीरे उनके बारे में समस्त जानकारियां जुटा लेते हैं। उसके बाद शातिर उनको ठगी का शिकार बनाने से नहीं चुकते। वह उनकी निजी फोटो/बैंक खातों से संबंधी जानकारी भी एकत्रित कर लेते हैं और अपने जाल में फंसाकर उनके खाते में जमा पूंजी को खाली कर देते हैं। ऐसे में इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि सभी अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप्स को सुरक्षित लॉक करके रखें तथा अपनी निजी जानकारी को किसी भी व्यक्ति से सांझा करने से बचें। बताया कि मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन का यूज़ करे, अपने पासवर्ड स्ट्रांग रखें तथा किसी के साथ ओटीपी या अन्य जानकारी सांझा ना करें तथा किसी भी प्रकार की एप्प को सतर्कता के साथ यूज करें। सर्विस डिलीवरी टोल फ्री नंबर गुगल पे सर्च करते समय नंबर ऑफिसियल वेबसाइट से ही ले। अगर लापरवाही के कारण कोई साइबर ठगी का शिकार हो जाता है तो राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन न. 1930 पर तुरंत कॉल करके या फिर cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।