HARYANA NEWS-राजनीतिक सरगर्मियां तेज, टिकट नही मिला तो आजाद चुनाव लड़ेंगे कई दावेदार

तरावड़ी, 1 सितम्बर (न्यूज हैंड ब्यूरो /रोहित लामसर)।
हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। हरियाणा के सभी 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान होगा और चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को मतगणना के बाद आएंगे। नीलोखेड़ी हल्के में भी राजनीतिक की सरगर्मियां पूरी तरह से तेज हैं।
विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी में पूर्व विधायक भगवानदास कबीरपंथी, स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वाईस चेयरमैन सुभाष चंद्र, भाजपा के वरिष्ठ नेता गुरमेज गोंदर समेत करीब आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार, कांग्रेस पार्टी में जिला परिषद सदस्य जसबीर वाल्मीकि, राजीव गोंदर, प्रो. राजेश वैद्य, राजकुमार वाल्मीकि, दयाल सिरोही, रमेश फुले समेत 88 उम्मीदवार के अलावा अन्य राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ आजाद प्रत्याशी भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इनमें से अधिकतर नेता हल्के में सक्रिय हैं।
भारतीय जनता पार्टी की यदि बात करें तो हल्के से पूर्व विधायक जो केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ओर नायब सैणी के बेहद करीबी माने जाते हैं, वह नीलोखेड़ी हल्के में मजबूत हैं। भाजपा पार्टी की बात करें तो हल्के के प्रत्येक ग्रामीण इलाकों में अधिकतर लोगों की जुबान पर पूर्व विधायक भगवानदास कबीरपंथी का नाम है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वाईस चेयरमैन सुभाष चंद्र ओर गुरमेज गोंदर भी मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में जिला परिषद सदस्य जसबीर वाल्मीकि ग्रामीण इलाकों में बेहद मजबूत माने जाते हैं।
जसबीर वाल्मीकि के नाम का युवाओं के एक अलग की डंका बजता है। जसबीर वाल्मीकि राजनीतिक क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान भी रखते हैं। वह सांसद बहन कुमारी शैलजा के भी बेहद करीबी माने जाते हैं। खुद को मजबूत दावेदार मानते हुए इस समय जिला परिषद सदस्य जसबीर वाल्मीकि हल्का नीलोखेड़ी के लोगों के बीच मजबूती पेश कर रहे हैं। उन्होंने अच्छी वोटों से जिला परिषद का चुनाव भी जीता था। बहन कुमारी शैलजा के खेमे से नीलोखेड़ी हल्के के लिए टिकट लाकर वह दूसरे राजनीतिक दलों के समीकरण भी बिगाड़ सकते हैं,
क्योंकि ग्रामीण इलाकों में भारतीय जनता पार्टी कमजोर हैं यहां कांग्रेस पार्टी के अधिकतर कार्यकर्त्ता हैं, जो जसबीर वाल्मीकि के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, तो माना जा रहा है कि जसबीर वाल्मीकि को यदि मौका मिला तो कांग्रेस नीलोखेड़ी हल्के से रिकार्डतोड़ वोट भी हासिल करेगी। इसके अलावा राजीव गोंदर, प्रो. राजेश वैद्य, दयाल सिरोही ओर रमेश फुले ने कांग्रेस पार्टी के लिए नीलोखेड़ी हल्के में धरातल पर जीतोड़ मेहनत की है। आपको बता दें कि नीलोखेड़ी हल्के से विधानसभा की तैयारी में जुटे नेताओं को यदि पार्टी का टिकट नहीं मिलता तो वह पार्टी से बगावत कर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।